If the whole world turns Vegetarian then?
भ्राँतियाँ पैदा करने वाले माँसाहार समर्थक अकसर यह तर्क देते मिलेंगे कि- ‘यदि सभी शाकाहारी हो जाय तो सभी के लिए इतना अन्न कहाँ से आएगा?’ इस प्रकार भविष्य में खाद्य अभाव का बहाना पैदा कर, वर्तमान में ही सामुहिक पशु-वध और हिंसा को उचित ठहराना तो दिमाग का दिवालियापन है। जबकि सच्चाई तो यह है कि अगर बहुसंख्य भी शाकाहारी हो जाय तो विश्व में अनाज की बहुतायत हो जाएगी।
It is a wrong conception that if the whole world becomes vegetarian then there will be lack of grains for all. In fact it is the opposite. If the world becomes vegetarian then all the energies used for producing non-veg food will be diverted to produce vegetarian food.
This will result in a surplus of vegetarian food.
दुनिया में बढ़ती भुखमरी-कुपोषण का एक मुख्य कारण माँसाहार का बढ़ता प्रचलन है।
Non-veg diet leads to nothing but poverty and starvation.
एक विशेष तथ्य पर गौर करें। यदि सभी (25 करोड़) अमेरिकन शाकाहारी हो जाय तो मात्र अमेरिका में ही प्रतिव्यक्ति (1100-150= 950) किलो के हिसाब से प्रतिवर्ष 24 करोड़ टन अनाज की बचत हो जाएगी, जो विश्व मे 170 करोड़ लोगों को प्रतिवर्ष भरपेट खिलाने को पर्याप्त होगा। यह आंकडे मात्र अमेरिका के संदर्भ में है। यदि समस्त विश्व के बारे में सोचा जाय तो आंकडे कल्पातीत हो जाएँगे। अगले 100 वर्षों तक विश्व को भूखमरी से निजात दिलायी जा सकती है।